ओवरलोड तो कहीं नाबालिग चला रहे ई-रिक्शा

बाराबंकी : नियमों की अनदेखी कर संचालित हो रहे ई-रिक्शा पर प्रशासन सख्ती नहीं कर रहा है। कोई रूट तय नहीं होने से गलियों से लेकर हाईवे तक यह फर्राटा भरते हैं। क्षमता से अधिक सवारियां बैठाने के साथ ही नाबालिग भी ई रिक्शा चला रहे हैं। इतना ही नहीं इनका प्रयोग माल वाहन के रूप में भी किया जा रहा है। इनके लिए कोई रूट और पार्किंग स्थल नहीं तय हैं। इससे यह कहीं भी सवारियां बैठाने लगते हैं।

जिले में 3,139 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। यह रिक्शा कहीं भी चलते हैं। पटेल तिराहे पर पुलिसकर्मी और यातायात पुलिस रहती है। इनके सामने से आठ से नौ सवारियां बैठाकर ई-रिक्शा चालक गुजरते हैं। शुक्रवार को भी यही हाल रहा। नाका सतरिख, छाया चौराहा, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन और पल्हरी चौराहे पर धड़ल्ले से ई-रिक्शा संचालित होते हैं। इतना ही नहीं हैदरगढ़, रामनगर, रामसनेहीघाट सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में भी इनका बेरोकटोक संचालन होता है। रामसनेहीघाट में शुक्रवार को ई-रिक्शा पर चालक सहित आठ लोग बैठे मिले, जबकि चार की क्षमता है।

तेज रफ्तार और मनमाना किराया : अवैध टैंपो स्टैंड हटाए जाने के बाद तो इनकी पौ बारह हो गई है। तेज रफ्तार से रिक्शा दौड़ाने के साथ ही चालक मनमाना किराया भी वसूलते हैं। चालक 35 से 40 किमी प्रतिघंटा की गति से ई-रिक्शा को दौड़ाते हैं। जबकि, इसकी गति 25 किमी प्रति घंटा तय है। साथ ही मनमाना किराया भी वसूलते हैं। एक किलोमीटर का दस रुपये लिया जाता है।

हर माह चार से पांच पर होती है कार्रवाई

एआरटीओ प्रवर्तन राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि प्रतिमाह चार से पांच किशोरों का चालान होता है। ई-रिक्शा किशोर भी चलाते हैं, कार्रवाई के बाद भी यह नहीं मान रहे हैं। जागरूकता अभियान भी चलाया गया है।

फैक्ट फाइल

ई-रिक्शा-3139

सीएनजी वाहन-114

डीजल वाहन-72287

एलपीजी वाहन-3

पेट्रोल वाहन-416522

EDITED BY -HINDISAMVAD NEWS

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